जो सुख-दुख, सर्दी-गर्मी, लाभ-हानि, जीत-हार, यश-अपयश, जीवन-मरण, भूत-भविष्य की चिन्ता न करके मात्र अपने कत्र्तव्य कर्म में लीन रहता है, वही सच्चा निष्काम कर्मयोगी है। Donate now
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जो सुख-दुख, सर्दी-गर्मी, लाभ-हानि, जीत-हार, यश-अपयश, जीवन-मरण, भूत-भविष्य की चिन्ता न करके मात्र अपने कत्र्तव्य कर्म में लीन रहता है, वही सच्चा निष्काम कर्मयोगी है। Donate now